शिव सागर में जो में उतरा शिव ने पार उतारा, श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥ त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥ त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥ श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। https://t-i-app-winbet85285.wikihearsay.com/2972716/a_simple_key_for_shiv_chalisa_in_hindi_unveiled