जीवन में शत्रु हों, एक नहीं कई कई हों और उनसे सहस टक्कर लें तथा विजयी हों यही जीवन की पूर्णता है हर मनुष्य चाहता है कि उसमें विशेषकर आकर्षण, सम्मोहन व्यक्तित्व चुम्बकत्व हो, जिनमें जीवन का सार सिमटा हो ।। ॐ स्धशीचछन्नसिर: कृपणंभयं हस्तेवरम बिभ्रती धोरास्याम सिर्शाम स्त्रजा सुरुचिरामुन्मुक्त https://rowandlrye.wizzardsblog.com/32143266/the-single-best-strategy-to-use-for-shabar-mantra